हनुमान जयंती पर नौकरी प्राप्ति, आर्थिक उन्नत्ति, राजनीतिक सफलता एवं शत्रुनाशक हनुमंत अनुष्ठान - 8 अप्रैल 2020

उसी रात सालासर के मोहनदास जी महाराज के सपने में भी बालाजी प्रकट होकर उन्हें असोटा की मूर्ति के बारें में अवगत कराते हैं । मोहनदास जी ने सुबह होतें ही संदेशा भेजकर मूर्ति देने की बात कही। मुखिया को बहुत आश्चर्य हुआ क्यूंकि मोहनदास जी असोटा के ना हो कर भी मूर्तियों के बारें में बहुत कुछ जानते थे। वह समझ गए की इस मूर्ति के पीछे विशेष चमत्कारी शक्ति का आशीर्वाद है। उन्होंने तुरंत ही मूर्तियों को सालासर भेजवा दिया। तभी से यह जगह सालासर धाम से प्रसिद्ध हो गई।
हनुमान जी के साथ -साथ यहां माँ अंजनी की भी पूजा की जाती है। माँ अंजनी परिवार में सुख -शांति समृद्धि के आगमन का मार्ग प्रशस्त करती हैं। नवविवाहित दम्पति उनके दर्शन करने अवश्य ही जाते हैं, मान्यता है की यहाँ दर्शन करने से उन्हें उत्तम संतान की प्राप्ति होती है। बालाजी के मंदिर में शनिवार, मंगलवार,  हनुमान जयंती व राम नवमी जैसी पूजा पर भारी भीड़ उमड़ती है।